Saturday, December 25, 2010

आप भी कामयाब हो सकते हैं

सबसे पहले आपको जो चाहिए ( कार, मोबाइल, मोटर साइकिल , मकान इत्यादी ) उस वास्तु की तस्वीर अपने कमरे मैं टांग दे और उस पर एक तारीख लिख दे की ये कब चाहिए वरना जिन्दगी मैं कुछ भी हासिल नही होगा सकारात्मक विचार को अपने साँसों मैं बसाकर अपने विचार पर नजर रंखें कन्योकी बाद मैं ये विचार आपके शब्द बनेंगे , शब्दों पर निगाह रखें कन्योली ये शब्द आपके कर्मो का रूप धारण करेंगे, अपने कर्मो पर गौर करें कन्योकी इनसे आपकी आदतें तय होंगी अपनी आदतों पर नजर रखें जिस आपका चरित्र बनता हैं यदि आप ऐसे करने में सफल हो गए आप अपने मस्तिष्क के नकारात्मक विचारों के पैदा होते हिउन्हे उखार फकेंगे यद् रखें दोस्तों को भी निराशावादी आज तक तारों का रहस्य नही जान पाया हैं और न ही उनसे मनुष्य जाती के लिए कोई द्वार खुला हैं हमारा जीवन वैसे ही होता हैं जैसे हमारे विहार उसे बनते हैं गिगो जिसके मायने हैं कचरा अन्दर तो कचरा बहार यदि आप भी निराशवादी हैं तो निराशा ही अन्दर जायेगी और निराशा ही बहार आएगी सिर्फ़ आंखों मैं ही नही साँसों मैं भी पागलपन ही हद से गुजर जाने का नशा बसा लीजिये तब ही सफलता के अमृत सामान बूंदों को पाएंगे

रजकण को बिना चूमें कंचन मिला हैं किसको
कांटो पे बिना चले , मधुबन मिला हैं किसको,
तू देख के मुश्किलों कन्यों हर गे प्यारे ,
देहरी को बिना लांघे , आँगन मिला हैं किसको

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